गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - संस्कार | वर्ष - 1952
View in Romanजीनेवाले ओ मतवाले, ज़िंदगी से प्यार कर, प्यार कर
यूँ ही न बैठ ज़िंदगी में ज़िंदगी से हार कर, प्यार कर
जीनेवाले
(मूरख ना डर, देख अंधेरा)
(होगा कभी तो सवेरा)
रंज-ओ-ग़म से ज़िंदगी के रूप का सिंगार कर, प्यार कर
जीनेवाले ओ मतवाले, ज़िंदगी से प्यार कर, प्यार कर
जीनेवाले
(जो दुःख भी आये तू झेलता चल)
(हर ग़म से खेलता चल)
ज़िंदा है तो ज़िंदगी पे जान भी निसार कर, प्यार कर
जीनेवाले ओ मतवाले, ज़िंदगी से प्यार कर, प्यार कर
जीनेवाले