होश में नहीं है दिल बढ़ के पकड़ मेरा हाथ - The Indic Lyrics Database

होश में नहीं है दिल बढ़ के पकड़ मेरा हाथ

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - आदेश श्रीवास्तव | फ़िल्म - दिल ने फिर याद किया | वर्ष - 2001

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होश में नहीं है दिल प्यार ने दीवाना किया
बढ़के पकड़ मेरा हाथ मुंडया
वे अज नचणां अज नचणां मैं तेरे साथ साथ मुंडया
वे अज नचणांहोश में नहीं है दिल प्यार ने दीवाना किया
बढ़के पकड़ मेरा हाथ कुड़िये
ओ अज नचणां मैं तेरे साथ साथ कुड़िये
नी अज नचणांरूप का नज़ारा मेरी आँखों में उतार दे
बड़ी बेकरारी है थोड़ा सा करार दे
हाँ रुत है सुहानी मेरे साथी ज़रा झूम ले
गोरे गोरे गालों की गुलाबी ज़रा चूम ले
सीने से लगा ले ख्यालों में बसा ले
खुलके करेंगे मुलाकात कुड़िये
नी अज नचणां ...देखो ज़रा देखो कैसे बेखुदी में चूर हैं
पास में खड़े हैं फिर भी लगता है दूर हैं
हे दिन में लगे है जैसे काली काली रात है
दीवाने ही समझेंगे दीवानों की बात है
तेरी ऐसी बातें सताएं सारी सारी रातें
रब्ब जागूं मैं तो जागूं सारी रात मुंडया
वे अज नचणां ...