ओ जान ए मन जान ए जाना मुझे कुछ कहना है - The Indic Lyrics Database

ओ जान ए मन जान ए जाना मुझे कुछ कहना है

गीतकार - समीर | गायक - सोनू निगम, केके | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - मुझे कुछ कहना है | वर्ष - 2001

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ओ जान-ए-मन जान-ए-जाना ढूँढे तुझे दिल दीवाना
चाहत की बेचैनियों को मुश्किल है दिल में छुपाना
इतने दिन चुपचाप रहा अब और नहीं चुप रहना है
मुझे कुछ कहना हैमौसम बदलता रहा ये दिल मचलता रहा
तेरे खयालों में मैं दिन रात जलता रहा
दर्द-ए-जुदाई का गम मुझ को और नहीं अब सहना है
मुझे कुछ कहना हैहद से गुज़र जाऊँ ना पल में ठहर जाऊँ ना
यूँ ही तड़पते हुए बिन तेरे मर जाऊँ ना
दे के लहू अपने इस दिल का तेरी रगों में बहना है
मुझे कुछ कहना हैगुँचा है गुल है मौसम-ए-बहार है
सब आ चुके हैं तेरा इन्तज़ार हैआ जा आ जा आ जा
मुझे कुछ कहना है
ला ला लामेरी आँखों में दिलबर तेरा चेहरा छुपा है
मैने इन धड़कनों पे नाम तेरा लिखा है
ढूँढता हूँ बहाने तू कहीं तो मिले
जान-ए-मन आशिक़ी के हों शुरू सिलसिले
आ जा आ जा आ जा
हूँ हूँ मुझे कुछ कहना है
मुझे कुछ कहना हैअपनी दीवानगी को मैं छुपाता रहा
दर्द-ए-दिल को हमेशा मैं दबाता रहा
चैन लेने ना देती बेकरारी मेरी
होश में रहने ना दे अब खुमारी तेरीआ जा आ जा आ जा
मुझे कुछ कहना है