झूम झूम मनमोहन - The Indic Lyrics Database

झूम झूम मनमोहन

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - हेमंत कुमार, सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - बिराज बहू | वर्ष - 1954

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श्याम रेऽऽऽ
श्याम रे
इक पल दरश दिखा जा
झूम झूम मनमोहन रे मुरली मधुर सुना जा
झूम झूम मनमोहन रे मुरली मधुर सुना जा)
तेरे दरश के प्यासे नैना इक पल दरश दिखा जा
झूम झूम
गोकुल सूना मथुरा सूनी सूने ब्रज के झूले
सूने ब्रज के झूले
भूल गया तू हमको मोहन हम ना तुझको भूले
हम ना तुझको भूले
फिर पनघट पे जमुना के तट पे आके रास रचा जा, घनश्याम्!
घनश्याम्! घनश्याम्! राधेश्याम्! घनश्याम्!
फिर पनघट पे जमुना के तट पे आके रास रचा जा
झूम झूम
हम जैसे तो लाखों जग में तुझसा कौन है दाता
तुझसा कौन है दाता
तोड़ के सारे नाते हमने जोड़ा तुझ सँग नाता
जोड़ा तुझसे नाता
भँवर में नैया पड़ी खेवैया अब तो पार लगा जा, घनश्याम्!
घनश्याम्! घनश्याम्! राधे श्याम्! घनश्याम्!
भँवर में नैय्या पड़ी खेवैय्या अब तो पार लगा जा
झूम झूम