झिल-मिल तारे करें इशारे सो जा - The Indic Lyrics Database

झिल-मिल तारे करें इशारे सो जा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश, सुरैया | संगीत - रोशन | फ़िल्म - माशूका | वर्ष - 1953

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झिल-मिल तारे करें इशारे सो जा
सो जा, सो जा राजदुलारे
बन अलबेली नार नवेली निन्दिया
निन्दिया आई नैन द्वारे
(मतलब की अँधी ये दुनिया)
(कैसे हमें पहचाने)
दिल के टुकड़े मेरे दिल के,
(दर्द को तू ही जाने)
सब कोई सोये पर हम रोयें
जागें जागें जागें ग़म के मारे
(सुंदर सपने देख मगर
तू मोह न कर सपनों से)
रोज़ बदलती है ये दुनिया
(आस न कर अपनों से)
धूप-छाँव का खेल ये दुनिया
(सुख-दुख आस-निराशा)
(तेरे अंगन एक चाँद एक तारा)
(अंखियन चमके आशा)
ढल जायेगी रात अँधेरी
होंगे, होंगे सोने के दिन सारे