झिक-झिक झनक - The Indic Lyrics Database

झिक-झिक झनक

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - सुरैया, मुकेश, सहगान | संगीत - रोशन | फ़िल्म - माशूका | वर्ष - 1953

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झिक-झिक झनक
होली खेलें नंदलाला
होली खेलें नंदलाला बिरज में होली खेलें नंदलाला
कान्हा ने मारी कनक पिचकारी
राधा रानी को रंग डाला
राधा रानी को रंग डाला
बिरज में होली खेलें नंदलाला
होली खेलें नंदलाला बिरज में होली खेलें नंदलाला
भर-भर पिचकारी मेरे साँवरे
मारो ना
साँवरे मारो ना मारो ना
भीज गई चोली रंग डारो ना
रंग डारो ना
साँवरे डारो ना रंग डारो ना
साँवरे रंग डारो ना
गोकुल की छोरी मैं रंग मेरा गोरा रे
पहली ये होली नहीं माने मन मोरा रे
देखो जी बिगारो ना मेरा सिंगार मेरे साँवरे
मारो ना
साँवरे मारो ना मारो ना
भीज गई चोली रंग डारो ना
रंग डारो ना
साँवरे डारो ना रंग डारो ना
साँवरे रंग डारो ना
छेड़ो न मोहे श्याम बीच डगर में
देखो जी देख लेगा कोई
देख लेगा कोई
क्या कहूँगी पूछेंगी जो मोसे
किसने ये चुनरी भिगोई
देख लेगा कोई
कहना कहीं काले बादल झुके थे
बरसीं थिरकती बून्दनियाँ
हाँ कहीं बरसीं थिरकती बून्दनियाँ
छोड़ो जी छोड़ो जी आँचल हमारे साँवरे
मारो ना
साँवरे मारो ना मारो ना
भीज गई चोली रंग डारो ना
रंग डारो ना
साँवरे डारो ना रंग डारो ना
साँवरे रंग डारो ना