आंख है भरी भरी और तुम - The Indic Lyrics Database

आंख है भरी भरी और तुम

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - तुम से अच्छा कौन है | वर्ष - 2002

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आँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा और तुम
दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी भरी ...मेरे हालात ऐसे हैं
के मैं कुछ कर नहीं सकती
तड़पता है ये दिल लेकिन
मैं आहें भर नहीं सकती
ज़ख्म हरा हरा और तुम
चोट खाने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा ...ज़माने में भला कैसे
मुहब्बत लोग करते हैं
वफ़ा के नाम की अब तो
शिकायत लोग करते हैं
आग है बुझी बुझी और तुम
लौ जलाने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा ...कभी जो ख्वाब देखा तो
मिली परछाईयाँ मुझ को
मुझे महफ़िल की ख्वाहिश थी
मिली तनहाईयाँ मुझ को
हर तरफ़ धुआँ धुआँ और तुम
आशियाने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा ...आँख है भरी भरी और तुम
मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा और तुम
दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी भरी ...मेरे हालात ऐसे हैं
के मैं कुछ कर नहीं सकता
तड़पता है ये दिल लेकिन
मैं आहें भर नहीं सकत
ज़ख्म है हरा हरा और तुम
चोट खाने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा ...ज़माने में भला कैसे
मुहब्बत लोग करते हैं
वफ़ा के नाम की अब तो
शिकायत लोग करते हैं
आग है बुझी बुझी और तुम
लौ जलाने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा ...कभी जो ख्वाब देखा तो
मिली परछाईयाँ मुझ को
मुझे महफ़िल की ख्वाहिश थी
मिली तनहाईयाँ मुझ को
हर तरफ़ धुआँ धुआँ और तुम
आशियाने की बात करते हो
ज़िंदगी खफ़ा खफ़ा ...