एक अजनबी सा एहसास दिल को सताए - The Indic Lyrics Database

एक अजनबी सा एहसास दिल को सताए

गीतकार - समीर | गायक - लता मंगेशकर - अदनान सामी | संगीत - अदनान सामी | फ़िल्म - लकी | वर्ष - 2005

View in Roman

एक अजनबी सा एहसास दिल को सताए
शायद यही तो प्यार है
बेताबियोंमें धडकन मेरी चैन पाए
शायद यही तो प्यार है
कुछ भी कहा ना, कुछ भी सुना ना, फिर भी
बेचैन दिल है हमारा
बहके कदम हैं, मुश्किल में हम हैं, देखो
संभले भला कैसे यारा
चाहे बिना भी नजदिक हम चले आए
शायद यही तो प्यार है
नजरें बिछा दे पहरे लगा दे, दिल पे
पर दिल किसी की ना माने
काँटों पे चल के, शोलों में जल के, रो के
मिल के रहेंगे दीवाने
चाहत की लौ तो, आँधी में भी झिलमिलाए
शायद यही तो प्यार है
ये मुलाकातें, ये तेरी आँखें, बातें
एक पल ना मैं भूल पाऊँ
कितनी मोहब्बत, है कितनी चाहत तुमसे
कैसे भला मैं बताऊँ
अच्छा लगे जो तू सामने मुस्कुराए
शायद यही तो प्यार है