मुझे को इस रात की तनाहाई में आवाज़ ना दो - The Indic Lyrics Database

मुझे को इस रात की तनाहाई में आवाज़ ना दो

गीतकार - शमीम जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - दिल भी तेरा हम भी तेरे | वर्ष - 1960

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मुझ को इस रात की तनहाई में आवाज़ न दो
जिसकी आवाज़ रुला दे मुझे वो साज़ न दो
आवाज़ न दो...मैंने अब तुम से न मिलने की कसम खाई है
क्या खबर तुमको मेरी जान पे बन आई है
मैं बहक जाऊँ कसम खाके तुम ऐसा न करो
आवाज़ न दो...दिल मेरा डूब गया आस मेरी टूट गई
मेरे हाथों ही से पतवार मेरी छूट गई
अब मैं तूफ़ान में हूँ साहिल से इशारा न करो
आवाज़ न दो...रौशनी हो न सकी लाख जलाया हमने
तुझको भूला ही नहीं लाख भुलाया हमने
मैं परेशां हूँ मुझे और परेशां न करो
आवाज़ न दो...किस कदर रोज़ किया मुझसे किनारा तुमने
कोई भटकेगा अकेला ये न सोचा तुमने
छुप गए हो तो कभी याद ही आया न करो
आवाज़ न दो...