आएगा किसी दिन म्हारा सयान हवा के परों पे - The Indic Lyrics Database

आएगा किसी दिन म्हारा सयान हवा के परों पे

गीतकार - समीर | गायक - सुनिधि चौहान | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - मुंबई से आया मेरा दोस्त | वर्ष - 2003

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आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया सैयाँ सैयाँ -४सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
धिटिंग टाँग टाँग -४
सैयाँ
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
धिटिंग टाँग टाँग -४
सैयाँहवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
हो मैं आज़ाद पंछी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना
सैयाँ
धिटिंग टाँग टाँग -४हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
धिटिंग टाँग टाँग -४धिटिंग टाँग टाँग -४
हो हो
कोई ख़ाबों में भी ओ आने-जाने लगा
हाँ एक चेहरा मेरा दिल चुराने लगा
मैं कहाँ खो गई बन गई बावरी
लो चले चल पड़ी प्रीत के गाँव री
ओ मैं आज़ाद पंछी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना
सैयाँ
धिटिंग टाँग टाँग -४हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
सैयाँ
धिटिंग टाँग टाँग -४हो हो ओ ओ हो हो हे
सैयाँ बड़ा रे -६
सैयाँ -४रोके से ना रुकूँ क़समों को तोड़ दूँ
हाँ कोई कुछ भी कहे रसमों को तोड़ दूँ
हैं सभी से जुदा ये मेरे रास्ते
मस्तियों का समा है मेरे वास्ते
हो मैं आज़ाद पंछी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना
सैयाँ
धिटिंग टाँग टाँग -४हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया सैयाँ सैयाँ -४