भुलि बिसारी चांद उम्मिदेन चांद फसाने याद आए - The Indic Lyrics Database

भुलि बिसारी चांद उम्मिदेन चांद फसाने याद आए

गीतकार - रज़ी तिर्माज़िक | गायक - मेहदी हसन | संगीत - मेहदी हसन | फ़िल्म - महफ़िल-ए-ग़ज़ल (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1982

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भूली बिसरी चन्द उम्मिदें चन्द फ़साने याद आए
तुम याद आये और तुम्हारे साथ ज़माने याद आयेदिल का नगर आबाद था फिर भी जैसे ख़ाक सी उड़ती रहती थी
कैसे ज़माने ऐ ग़म-ए-दौराँ तेरे बहाने याद आयेहँसने वालों से डरते थे छुप छुप कर रो लेते थे
गहरी गहरी सोच में डूबे तो दीवाने याद आयेठण्डी सर्द हवा के झोंके आग लगाकर छोड़ गये
फूल खिले शाख़ों पे नये और दर्द पुराने याद आये