गुड़िया हमसे रूठी रहोगी, कब तक ना हँसोगी - The Indic Lyrics Database

गुड़िया हमसे रूठी रहोगी, कब तक ना हँसोगी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - दोस्ती | वर्ष - 1964

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गुड़िया हमसे रूठी रहोगी, कब तक ना हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई आई रे आई रे हँसी आई
झुकी झुकी पलको में आ के देखो गुपचुप आँखो से झाँके
तुम्हारी हँसी गुपचुप आँखो से झाँके
फिर भी अँखियाँ बंद करोगी, कब तक ना हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई आई रे आई रे हँसी आई
अभी अभी आँखो से छलके, अभी कुछ कुछ होठों पे झलके
तुम्हारी हँसी कुछ कुछ होठों पे झलके
फिर भी मुख पे हाथ धरोगी, कब तक ना हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई आई रे आई रे हँसी आई