रिश्ते बनते हैं बड़े धीरे से बनने देते - The Indic Lyrics Database

रिश्ते बनते हैं बड़े धीरे से बनने देते

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोसले | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - दिल पडोसी है | वर्ष - 1987

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रिश्ते बनते हैं बड़े धीरे से बनने देते
कच्चे लम्हे को ज़रा शाख पे पकने देते
एक चिंगारी का उड़ना था की पर काट दिए
आँच आई थी ज़रा आग तो जलने देते
कच्चे लम्हे को ज़रा शाख पे पकने देते
एक ही लम्हे पे एक साथ गिरे थे दोनों
खुद संभलते या ज़रा मुझको संभलने देते
कच्चे लम्हे को ज़रा शाख पे पकने देते