गीतकार - अमित खन्ना | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - देस परदेस | वर्ष - 1978
View in Romanआप कहें और हम ना आए ऐसे तो हालात नहीं
मंज़िल पे पहुचेंगे कैसे, आपका जब तक साथ नहीं
चाहनेवालों की आज दुनिया में चाहनेवाले आ गए
उल्फ़त की मय आँखोंसे लो आज पिलानेवाले आ गए
आप पिए और आप ना झूमें, आपके बस की बात नहीं
कसा हुआ है तीर हुस्न का, ज़रा संभलके रहियेगा
नज़र नज़र को मारेगी, तो क़ातिल हमें ना कहियेगा
चाल चली है सोचके हमने, इस खेल में अपनी मात नहीं
पास आके ये आपके हमें होने लगा एहसास है
दम है तो बस आपके दम से आप ही से साँस है
बयान करें जो हाल-ए-दिल को ऐसे कोई जज़बात नहीं