प्यार की प्यार क्या धरती और क्या आकाशो - The Indic Lyrics Database

प्यार की प्यार क्या धरती और क्या आकाशो

गीतकार - भरत व्यास | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - प्यार की प्यास | वर्ष - 1961

View in Roman

को : प्यार की प्यास प्यार की प्यास
र : क्या धरती और क्या आकाश सबको प्यार की प्यास
को : प्यार की प्यास प्यार की प्यासल : सरिता को सागर की प्यास
सागर में लहरों का वास
लहरें उठ-उठ जाना चाहें
पूनम के चंदा के पास
मन से मन को हर जीवन को -२
एक आस विश्वास
को : प्यार की प्यास प्यार की प्यासर : पहली किरण को छूकर के
फूल चमन का खिल जाता है
एक प्यार के चुम्बन से
जड़ पत्थर भी हिल जाता है
ल : जुग-जुग के प्यासे चातक को -२
एक बूँद की आस
को : प्यार की प्यास प्यार की प्यासल : लाखों तारों की आँखें
रात को भर-भर आती हैं
भोर भए तो कलियों पर
शबनम झर-झर जाती है
प्राण का पतझड़ पल-पल ढूँढे -२
जीवन का मधुमास
को : प्यार की प्यास प्यार की प्यासर : प्यासा-प्यासा जग सारा
प्यासी जग की हर धारा
महा प्यार की प्यास लिए
प्यासा खुद सृजनहारा
प्यास की धरती पर ईश्वर ने -२
लिखा सृष्टि इतिहास
को : प्यार की प्यास प्यार की प्यास