इक चमेली के मांडवे कथा - The Indic Lyrics Database

इक चमेली के मांडवे कथा

गीतकार - मखदूम मोहिनुद्दीन | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - इकबाल कुरैशी | फ़िल्म - चा चा चा | वर्ष - 1964

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दो : इक चमेली के मँडवे तले -२
मैकदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर -२
दो बदन प्यार की आग में जल गए
इक चमेली के ...र : प्यार हर्फ़-ए-वफ़ा प्यार उनका ख़ुदा -२
प्यार उनकी चिता
दो : दो बदन प्यार की ...ओस में भीगते चाँदनी में नहाते हुए -२
जैसे दो ताज़ा-रु ताज़ा-दम फूल पिछले पहर -२
ठंडी ठंडी सुबुक रौ चमन की हवा -२
सर्फ़-ए-मातम हुई -३
र : काली-काली लटों से लिपट गर्म रुख़सार पर
एक पल के लिए रुक गई
दो : दो बदन प्यार की ...ओ हमने देखा उन्हें दिन में और रात में नूर-ओ-ज़ुल्मात में -२
र : मस्जिदों के मिनारों ने देखा उन्हें
आ : मंदिरों के किवाड़ों ने देखा उन्हें
आ : मैकदे की दराड़ों ने ( देखा उन्हें ) -३
दो : दो बदन प्यार की ...ये बता चारागर तेरी ( ज़.म्बील में ) -२
र : नुस्ख़ा-ए-कीमिया-ए-मुहब्बत भी है
आ : नुस्ख़ा-ए ...
र : कुछ इलाज-ओ-मुदावा-ए- ( उल्फ़त भी है ) -२
दो : दो बदन प्यार की ...