रात को जी हाय रात को जी चमकें तारें - The Indic Lyrics Database

रात को जी हाय रात को जी चमकें तारें

गीतकार - मजरूह | गायक - मुकेश, शमशाद | संगीत - राम गांगुली | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1948

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रहरह के तेरा ध्यान रुलाता है क्या करूँ

रहरह के तेरा ध्यान रुलाता है क्या करूँ

हर सू गर मुझको तू नज़र आता है क्या करूँ

रहरह के तेरा ध्यान

तेरी समझ में भी नहीं आता है मेरा हाल

मेरी ज़बाँ पे भी नहीं आता है क्या करूँ

रहरह के तेरा ध्यान

ये मुझको क्या हुआ है मुझे ख़ुद ख़बर नहीं

मुझे ख़ुद ख़बर नहीं

हर वक़्त कोई याद ही आता है क्या करूँ

रहरह के तेरा ध्यान

हैराँ हूँ जब भी आँख से आँसू टपकता है

दिल की लगी को और बढ़ाता है क्या करूँ

रहरह के तेरा ध्यान