मौत आ गई ना आए वो काहे को देर लगाई रे - The Indic Lyrics Database

मौत आ गई ना आए वो काहे को देर लगाई रे

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - दाग | वर्ष - 1952

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मौत आ गई न आए वो मरने के बाद भी
आँखें तरसी रह गईं इस इंतज़ार मेंकाहे को देर लगाई रे आए न अब तक बालमा
हमने तो जान गँवाई रे आए न अब तक बालमा
काहे को देर ...मेरी दुआ नाकाम हुई है सूरज डूबा शाम हुई है
पहने क़फ़न जाएगी मुहब्बत दिल की लगी बदनाम हुई है
हँसती है सारी ख़ुदाई रे आए न अब तक बालमा
काहे को देर ...दुनिया यूँ ही रोएगी आएँगी ख़ुशियाँ ग़म भी सहेगी
लेकिन मेरी बरबाद जवानी मिट के भी उनसे यही कहेगी
हमसे तो की बेवफ़ाई रे आए न अब तक बालमा
काहे को देर ...रंग ये लाई चाहत किसी की याद रहेगी उल्फ़त किसी की
मेरी क़सम तुझे ए मौत ठहर जा देख तो लूँ सूरत किसी की
दिल से सदा ये ही आई रे आए न अब तक बालमाहमने तो प्रीत निभाई रे आए न अब तक बालमा