छम छम घुंघरू बोले राधा लाज की मारी इत उत दोले - The Indic Lyrics Database

छम छम घुंघरू बोले राधा लाज की मारी इत उत दोले

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - काजल | वर्ष - 1965

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छम-छम घुँघरू बोले
देखो छम-छम घुँघरू बोले
राधा लाज की मारी इत-उत डोले
देखो छम-छम घुँघरू बोले( बाट चले तो आँचल ढलके
पग-पग रूप-गगरिया छलके ) -२
कंचन काया झिलमिल झलके
खाय कमरिया हिचकोलेदेखो छम-छम घुँघरू बोले -२म
ग म ग स
ग नि ध म
नि स नि ध
नि स नि ध मग म ध ग म ध नि स -३पल-पल बढ़ती जाये उलझन
पार करे कैसे घर-आँगन
जान की दुश्मन बन की झाँझन
भेद जियरवा के खोलेदेखो छम-छम घुँघरू बोलेआ




( पी बिन ऐसे तड़पे गोरी
बिन चन्दा जिस तरह चकोरी ) -२
जायेगी मिलने चोरी-चोरी
सास-ननदिया जब सो लेदेखो छम-छम घुँघरू बोले -२