आंखें में ये सारे घर हैं तुम्हारे - The Indic Lyrics Database

आंखें में ये सारे घर हैं तुम्हारे

गीतकार - ताबिश रोमानी | गायक - सौम्या रावो | संगीत - संदीप चौथा | फ़िल्म - कंपनी | वर्ष - 2002

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आँखों में रहो बाहों में रहो
होंठों पे रहो या दिल में रहो
ये सारे घर हैं तुम्हारे
जहाँ भी दिल चाहे रहो हाँसाँसों में रहो धड़कन में रहो
पलकों में रहो ज़ुल्फ़ों में रहो
ये सारे घर हैं ...पास हमारे आना अब तो बिन बुलाए आ जाना
कोई निशानी दे जाना
थोड़ी सी खुश्बू ले जाना
यादों में रहो ख्वाबों में रहो
रातों में रहो या दिन में रहों
ये सारे घर हैं ...आज ना जाने ये क्या हुआ है
कोई ज़रा ये समझाए
इतना सुरूर छाया है
जी करता है मर जाएँ
वादों में रहो कसमों में रहो
आँचल में रहो काजल में रहो
ये सारे घर हैं ...