गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है - The Indic Lyrics Database

गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है

गीतकार - गुलजार | गायक - राहुल देव बर्मन - सपन चक्रवर्ती | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - गोल माल | वर्ष - 1979

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गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है
हर सीधे रस्ते की एक टेढ़ी ही चाल है
गोलमाल है भाई, सब गोलमाल है
गोलमाल गोलमाल
गोलमाल है, सब गोलमाल है
भूख़ रोटी की हो तो पैसा कमाइए
पैसा कमाने के लिए भी पैसा चाहिए
मांगे से ना मिले ते पसीना बहाइए
बहता है जब पसीना तो रूमाल चाहिए
रूमाल बन गया भी गर कमीज़ फाड़ कर
कमीज के लिए भी तो फिर कपड़ा चाहिए
अरे कपड़ा किसी ने दान ही में दे दिया चलो
दर्ज़ी के पास जा के वो पहले सिलाइए
बिन सिली कमीज़ पे तो कुछ नहीं लिया
सिली हुई कमीज़ पे सिलाई चाहिए
सिलाई देने के लिए फिर पैसा चाहिए
पैसा कमाने के लिए फिर पैसा चाहिए