मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है - The Indic Lyrics Database

मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - यास्मीन | वर्ष - 1955

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मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है
ऐ मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है
उसने ठानी है ज़ुल्म ढाने की
मुझ में हिम्मत है ग़म उठाने की
ख़ुश हो, ऐ दिल्! तुझे मिटाने की, मिटाने की
आज उसने क़सम तो खाई है
ऐ मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है
तू हुआ दिल से कब जुदा कह दे
मुझसे क्यूँ हो गया ख़फ़ा कह दे
तू ही इंसाफ़ से ज़रा कह दे, ज़रा कह दे
किसने शर्त-ए-वफ़ा भुलाई है
ऐ मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इल्ज़ाम-एबेवफ़ाई है
है गवारा तेरा सितम मुझ को
हर जफ़ा है तेरी करम मुझ को
जान जाए, नहीं है ग़म मुझ को
जब मुहब्बत पे बात आई है
ऐ मुहब्बत तेरी दुहाई है
मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है