रोने से और इश्क में बेबाक हो गे लता - The Indic Lyrics Database

रोने से और इश्क में बेबाक हो गे लता

गीतकार - ग़ालिब | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - ? (गैर फिल्म) | वर्ष - 1969

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रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गये
धोये गये हम ऐसे कि बस पाक हो गयेकहता है कौन नाला-ए-बुलबुल को बे-असर
परदे में गुल कि लाख जिगर चाक हो गयेकरने गये थे उससे तग़ाफ़ुल का हम गिला
की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गयेइस रंग से उठाई कल उसने असद की लाश
दुश्मन भी जिसको देखके ग़मनाक हो गये