जानेवाले ज़रा दुनिया का चलन देखता जा - The Indic Lyrics Database

जानेवाले ज़रा दुनिया का चलन देखता जा

गीतकार - पंडित शिवकुमार | गायक - सुरैया | संगीत - NA | फ़िल्म - रंग महल | वर्ष - 1948

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जलने के सिवा और क्या है यहाँ

चाहे दिल हो किसी का या हो दिया

या हो दिया

जलने के सिवा और क्या है यहाँ

हर रात दिया जलजल के बुझे

दिल रोज़ पुकारे पियापिया

पियापिया

जलने के सिवा और क्या है यहाँ

बचपन से तुम्हीं से प्रीत लगी

अब अलग जवानी बीत रही

जब पास थे तुमको प्यार किया

अब दूर हुये तो तरसे जिया

जलने के सिवा और क्या है यहाँ

है रैन घिरी पर चैन नहीं

ये मन है कहीं और नैन कहीं

जबसे तुम बिछड़ गये हमने

फागुन में मचलना छोड़ दिया

जलने के सिवा और क्या है यहाँ