यह दो दिल हैं चंचल - The Indic Lyrics Database

यह दो दिल हैं चंचल

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1992

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यह दो दिल हैं चंचल हवाओं के झोंके
इन्हे कौन बांधे इन्हे कौन रोके
यह दो दिल हैं चंचल हवाओं के झोंके
इन्हे कौन बांधे इन्हे कौन रोके

कभी चल दिए घटाओं के पीछे
कभी रह गए है बहारों में खोके
इन्हे कौन बांधे इन्हे कौन रोके

किरण भोर की मेरी बिन्दिया बनेगी
किरण भोर की मेरी बिन्दिया बनेगी
मेरी मांग में सांझ
लाली भरेगी लाली भरेगी
तेरी सान्ग चली मैं ये सपने संजोके
हमें कौन बांधे हमें कौन रोके
हमें कौन बांधे हमें कौन रोके

लागु आंग जो मैं बनु तेरा गहना
जो काजल बनु चुमलु तेरे नैना
लागु आंग जो मैं बनु तेरा गहना
जो काजल बनु चुमलु तेरे नैना
कभी मैं यह सोचूं
कभी मैं यह सोचे
कभी मैं यह सोचूं
कभी मैं यह सोचे
हमें कौन बांधे हमें कौन रोके
हमें कौन बांधे हमें कौन रोके

जहा जाउँगी संग तुझे ले चलूंगी
जहा जाउँगी संग तुझे ले चलूंगी
तुझे अपने आँचल से
बढे रहूँगी बढे रहूँगी
कहाँ जायेगा तू मेरे मन्न से होके
हमें कौन बांधे हमें कौन रोके
हमें कौन बांधे हमें कौन रोके.