हज़ारों नरकों में भूत है यहाँ कोई - The Indic Lyrics Database

हज़ारों नरकों में भूत है यहाँ कोई

गीतकार - जयदीप साहनी | गायक - आशा भोंसले, गायत्री अय्यर | संगीत - अमर मोहिले | फ़िल्म - भूत | वर्ष - 2003

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हज़ारों नर्कों में जीने की आस
लेकर के आई है तेरे पास
दर्दों में बिलख रही
घुट रही है उसकी साँस
मरी है पर सोई नहीं
भूत है यहाँ कोई -२
आई है तुझे लेने
भूत है यहाँ कोईठण्ड इस में ऐसी सूरज जमा दे
गर्मी है इतनी समन्दर उबाले
आँखों में उतरा क़हर
ज़िन्दगी ये है ज़हर
मरी है पर सोई नहीं
भूत है यहाँ कोई
को : भूत है यहाँ कोईभूत है यहाँ कोई
आई है तुझे लेने
भूत है यहाँ कोई
भूत है
भूत है यहाँ कोईहज़ारों नर्कों में जीने की आस
लेकर के आई है तेरे पास
दर्दों में बिलख रही
घुट रही है उसकी साँस
मरी है पर सोई नहीं
भूत है यहाँ कोई -२
आई है तुझे लेनेठण्ड इस में ऐसी कि सूरज जमा दे
गर्मी है इतनी समन्दर उबाले
आँखों में उतरा क़हर
ज़िन्दगी है ज़हर
मरी है पर सोई नहीं
भूत है यहाँ कोई -२
आई है तुझे लेने