आप अगर आप न होते तो भला क्या होते - The Indic Lyrics Database

आप अगर आप न होते तो भला क्या होते

गीतकार - गुलजार | गायक - सुलक्षणा पंडित | संगीत - कानू रॉय | फ़िल्म - गृह प्रवेश | वर्ष - 1979

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आप अगर आप न होते तो भला क्या होते
लोग कहते हैं के पत्थर के मसीहा होते
संगेमरमर के तराशे हुये चेहरे पे अगर
आप के हँसने का अंदाज़ यही होता मगर
वो जो शर्मा के झुका लेते हैं आप नजर
ऐसे शरमाने पे हम कैसे ना फ़िदा होते
आप के माथे पे बसती है जवां शाम सहर
अच्छी लगती है हमें आपकी पेशानी मगर
वो जो माथे पे पसीना उभर आता है कभी
ऐसे माथे पे ना क्यों लोग फ़िदा होते