दिल तू भी गा प्यार मन मुस्करा: - The Indic Lyrics Database

दिल तू भी गा प्यार मन मुस्करा:

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - हमराही | वर्ष - 1963

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दिल तू भी गा प्यार में मुस्करा
सपने में जो आते हैं अकसर
महफ़िल में उनको बुला के ला
दिल तू भी गा
कल जो हुआ सो हुआ भूल जावो भी न बोले हम भी न बोले आँख मिली पहचान हुई
कोई चला जब साथ सफ़र में हमको डगर आसान हुईरूप-नगर की भीड़ में हमने ख़ुद को भुलाना सीख लिया हैदर्द बला का दर्द है लेकिन होश नहीं तो कुछ भी नहीं
आज जहाँ को हम दुनिया को छोड़ के आए दूर कहीं