गिलहरियाँ - The Indic Lyrics Database

गिलहरियाँ

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्य | गायक - जोनिता गांधी | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - दंगल | वर्ष - 2016

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रंग बदल बदल के क्यों चहक रहें हैं दिन दोपहरियाँ
मैं जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना
क्यों फुदक फुदक के धड़कनों की चल रहीं गिलहरियाँ
मैं जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना
क्यों ज़रा सा मौसम सरफिरा है
या मेरा मूड मस्खरा है
जो जायका मनमानियों का है वो कैसा रस भरा है
मैं जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना
क्यों हज़ार गुलमोहर से भर गई है ख्वाहिशों की टहनियां
मैं जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना
एक नई सी दोस्ती आसमां से हो गई
ज़मीन मुझके जलके मुँह बनाके बोले तू बिगड़ रही है
ज़िन्दगी भी आजकल गिनतीयों से से ऊब के
गणित के आंकड़ों के साथ एक आधा शेर पढ़ रही है
मैं सही गलत की पीछे छोड़ के चली कचहरियां