मुझ को तुम जो मिले ये जहान मिल गया - The Indic Lyrics Database

मुझ को तुम जो मिले ये जहान मिल गया

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - हेमंत, गीता | संगीत - मुकुल रॉय | फ़िल्म - डिटेक्टिव | वर्ष - 1958

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हेमं मुझ को तुम जो मिले ये जहान मिल गया
तुम जो मेरे दिल में हँसे दिल का कमल देखो खिल गया
हेमं आ ऽ ये भीगती हुई फ़िज़ा, बरस रही है चाँदनी
तारों ने मिल के छेड़ दी मधुर मिलन की रागिनी
हेमं लेके क़रार आया है प्यार, क्या है अगर मेरा दिल गया
मुझ को तुम जो मिले ये जहान मिल गया
आ ऽ देखते चल रहे हैं हम है प्यार का ये रास्ता
हेमं चाँद और सितारों का, बहार का ये रास्ता
लेके क़रार आया है प्यार, क्या है अगर मेरा दिल गया
मुझ को तुम जो मिले ये जहान मिल गया
हेमं आ ऽ मेरे सुहाने ख़्वाब, कि तुम मेरे सामने रहो
ऐसी हसीन रात है दिल ये कहे सहर न हो
हेमं लेके क़रार आया है प्यार, क्या है अगर मेरा दिल गया
मुझ को तुम जो मिले ये जहान मिल गया
तुम जो मेरे दिल में हँसे दिल का कमल देखो खिल गया