जागा किरणों वाला - The Indic Lyrics Database

जागा किरणों वाला

गीतकार - किदार शर्मा | गायक - रामदुलारी, राजेंद्र सिंह, सिद्धेश्वर मुखर्जी | संगीत - NA | फ़िल्म - चित्रलेखा | वर्ष - 1941

View in Roman

जगमग जगमग करता निकला

जगमग जगमग करता निकला

चाँद पूनम का प्यारा

मेरी चाँदनी बिछड़ गई

मेरी घर मे हुआ अंधियारा

जगमग जगमग करता निकला

ये मदमाती रात

ये ठंडी ठंडी हवा के झोँके

तेरे बिना मेरे सूने जिगर मे

बिर्हा कि अग्नी फूँके

झिलमिल झिलमिल तारे समझते

जगमग है जग सारा

मेरी चाँदनी बिछड़ गई

मेरी घर मे हुआ अंधियारा

जगमग जगमग करता निकला

चाँद की शीतल शीतल किरणेँ

बिर्हा का बाण चलाएँ

रात चँदनी दिया जलाए

अंगों मे आग लगाए

ये बसंत की रात न सुलघे

जैसे कोई अंगारा

मेरी चाँदनी बिछड़ गई

मेरी घर मे हुआ अंधियारा

जगमग जगमग करता निकला