दिन पे दिन बीते जायें - The Indic Lyrics Database

दिन पे दिन बीते जायें

गीतकार - NA | गायक - गुलाम मोहम्मद | संगीत - NA | फ़िल्म - काजल | वर्ष - 1948

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दो दिन की ख़ुशी हाय दो दिन की ख़ुशी

दो दिन की ख़ुशी हाय दो दिन की ख़ुशी

दो दिन की ख़ुशी रास न आई मेरे जी को

दिल तोड़ दिया हाय दिल तोड़ दिया

दिल तोड़ दिया आग लगे ऐसी ख़ुशी को

दो दिन की ख़ुशी हाय दो दिन की ख़ुशी

कहता है ये रोरो के मेरा दर्द भरा दिल

दर्द भरा दिल

अपना न बनाये

अपना न बनाये कोई दुनिया में किसी को

दुनिया में किसी को

दिल तोड़ दिया हाय दिल तोड़ दिया

दिल तोड़ दिया आग लगे ऐसी ख़ुशी को

जो दिल पे गुज़रती है वो कहते नहीं बनती

कहते नहीं बनती

बैठे हैं छुपाये हुये

बैठे हैं छुपाये हुये हम दिल की लगी को

हम दिल की लगी को

दो दिन की ख़ुशी हाय दो दिन की ख़ुशी

दो दिन की ख़ुशी रास न आई मेरे जी को

थे और भी दुनिया में मुहब्बत के पुजारी

मुहब्बत के पुजारी

तक़दीर ने क्यूँ लूट लिया

तक़दीर ने क्यूँ लूट लिया हाय मुझी को

हाय मुझी को

दिल तोड़ दिया हाय दिल तोड़ दिया

दिल तोड़ दिया आग लगे ऐसी ख़ुशी को