गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - ज़िद्दी | वर्ष - 1948
View in Romanजब तुम ही नहीं अपने, दुनिया ही बेगानी है
जब तुम ही नहीं अपने, दुनिया ही बेगानी है
उल्फ़त जिसे कहते हैं, इक झूठी कहानी है
जाते हुए क्यों तुमको, इस दिल का खयाल आता
तड़पा के चले जाना इक रीत पुरानी है
परवाने के जलने पे, हँसना न तमाशाई
हँसती हुई शमा भी, इक रात की रानी है