घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं - The Indic Lyrics Database

घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - किशोर कुमार | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - चोर मचाये शोर | वर्ष - 1974

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घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
कभी इस पग में, कभी उस पग में
बँधता ही रहा हूँ मैं
कभी टूट गया, कभी तोड़ा गया
सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया
यूँ ही लूट लूट के और मिट मिट के
बनता ही रहा हूँ मैं
मैं करता रहा औरों की कही
मेरी बात मेरे मन ही में रही
कभी मंदिर में, कभी महफ़िल में
सजता ही रहा हूँ मैं
अपनों में रहें या गैरों में
घुँघरू की जगह तो है पैरों में
फिर कैसा गिला, जग से जो मिला
सहता ही रहा हूँ मैं