इश्क़ में महरूमियाँ नाकामियाँ बरबादियाँ - The Indic Lyrics Database

इश्क़ में महरूमियाँ नाकामियाँ बरबादियाँ

गीतकार - मुल्खराज भाकरी | गायक - सुरैया | संगीत - हुस्नलाल -भगतराम | फ़िल्म - नाच | वर्ष - 1949

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जब दिल ही टूट गया, जब दिल ही टूट गया

जब दिल ही टूट गया, जब दिल ही टूट गया

हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे

जब दिल ही टूट गया

उलफ़त का दिया हमने, इस दिल में जलाया था

उम्मीद के फूलों से, इस घर को सजाया था

इक भेदी लूट गया, इक भेदी लूट गया

हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे

जब दिल ही टूट गया

मालूम ना था इतनी, मुश्किल हैं मेरी राहें

मुश्किल हैं मेरी राहें

अरमां के बहे आँसू, हसरत की भरी आहें

हर साथी छूट गया, हर साथी छूट गया

हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे

जब दिल ही टूट गया