देख हमें आवाज़ ना देना, ओ बेदर्द ज़माने - The Indic Lyrics Database

देख हमें आवाज़ ना देना, ओ बेदर्द ज़माने

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - आशा - रफ़ी | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - अमर दीप | वर्ष - 1958

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देख हमें आवाज़ ना देना, ओ बेदर्द ज़माने
आज चले हम छोड़ के तुझको, दुनिया नयी बसाने
चमका शाम का पहला तारा, गगन दुलारा
सबसे पहले उसने देखा प्यार हमारा
आनेवाली रात सुनेगी, तेरे मेरे तराने
ओ बेदर्द ज़माने ...
दूर कहीं एक पंछी गाये, यह समझाये
प्यार में हो जाते हैं अपने दर्द पराये
दिल की धड़कन क्या होती है, प्यार करें तो जाने
ओ बेदर्द ज़माने ...
(याद करो वो भीगी रातें, वो बरसातें
होती थी जब भोर भये तक प्यार की बातें
इतनी ज़ल्दी भूल गए तुम क्यों वो राग पुराने
शाम वही है वही सितारा कितना प्यारा
यहीं हुआ था पहले पहले प्यार हमारा
आज मिलें हम उसी ठिकाने फिर तक़दीर जगाने )