धिरे चल ऐ भीगी हवा: - The Indic Lyrics Database

धिरे चल ऐ भीगी हवा:

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - बॉय फ्रेंड | वर्ष - 1961

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( धीरे चल ) -२ ऐ भीगी हवा
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
धीरे चल ऐ भीगी ...चेहरा कहीं है ज़ुल्फ़ें कहीं हैं
होश कहाँ है भला ( इस बहार में ) -२
कलियों से कह दे आज न चटकें
च.म्पाकली है सोई ( इंतज़ार में) -२
अरे हो कितनी दिलकशी छाई है बेख़ुदी हाय मेरी बेबसी
धीरे चल ऐ भीगी ...प्यार का भँवरा कहता है तुझे
ऐसी फ़िज़ा में ( रागनी न गा ) -२
नींद के साग़र टूट न जाएँ
मेरी क़सम तुझे ( शोर न मचा ) -२
अरे हो बादल बड़े पहरे हैं खड़े दिल भी क्या करे
धीरे चल ऐ भीगी ...मौजें रुकी हैं शाखें झुकी हैं
कैसे सुनाए कोई ( दिल के राज़ को ) -२
अरे हो अश्क़ चूम लूँगा बिन पिए दिल उसे नज़र दूँगा
धीरे चल ऐ भीगी ...