मिलते मिलते सनम आज अपनी कसम - The Indic Lyrics Database

मिलते मिलते सनम आज अपनी कसम

गीतकार - फैज़ अनवर | गायक - उदित नारायण | संगीत - निखिल विनय | फ़िल्म - प्यासा | वर्ष - 2002

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मिलते मिलते सनम आज अपनी कसम
बेखुदी बढ़ गई हो गए होश कम
इस मुलाकात में बात ही बात में
मुस्कुरा के मुझे तूने देखा कि बस
दिल ये खोने लगा प्यार होने लगा
मिलते मिलते सनम ...दिल मचलने की आदत नहीं थी
जब किसी से मुहब्बत नहीं थी
दिल की धड़कन कहे पास आजा ज़रा
तुझको देखा बहुत फिर भी दिल ना भरा पास आजा सनम
हो मिलते मिलते सनम ...कौन इतनी मोहब्बत करेगा
इस तरह कौन तुमपे मरेगा
दिल ही क्या जान भी अब लुटाएँगे हम
होता है प्यार क्या ये बताएँगे हम
हो मिलते मिलते सनम ...