क़िस्मत में बिछड़ना था - The Indic Lyrics Database

क़िस्मत में बिछड़ना था

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मुकेश, गीता | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - शबनम | वर्ष - 1949

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राम नाम धन पाया मैंने

राम नाम धन पाया मैंने

राम नाम धन पाया

ना मैं तीरथ करने निकली

ना मैं ब्रह्म रिझाया

राम नाम धन आप सिमट कर

मोरे घर में आया

ना मैंए गंगा गयी नहाने

ना मैं शंख बजाया

जनम जनम की क़िसमत जागी

मन में राम समाया

दूजा धन है आना जाना

चलती फिरती छाया

राम नाम धन घटत घटे नहीं

दमदम होंठ समाया