दीवाना मुझ सा नहीं, इस अंबर के नीचे - The Indic Lyrics Database

दीवाना मुझ सा नहीं, इस अंबर के नीचे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - तीसरी मंजिल | वर्ष - 1966

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दीवाना मुझसा नहीं, इस अंबर के नीचे
आगे है कातिल मेरा और मैं पीछे पीछे
पाया है दुश्मन को जबसे प्यार के काबिल
तब से ये आलम है, रस्ता याद ना मंज़िल
नींद में जैसे चलता है कोई, चलना यूं ही आँखें मिचें
हमने भी रख दी हैं, कल पे कल की बातें
जीवन का हासिल है, पल दो पल की बातें
दो ही घड़ी तो साथ रहेगा, करना क्या है तनहा जी के