प्यार के जहान की ( निराली सरकार है ) - The Indic Lyrics Database

प्यार के जहान की ( निराली सरकार है )

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता, शमशाद, सहगान | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - पतंग | वर्ष - 1949

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क़िस्मत में बिछड़ना था

क़िस्मत में बिछड़ना था

हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे

गी: न रुकति? मुझसे प्यार के

मेर दिल नहीं मेरे हाथ रे

मु: क़िस्मत में बिछड़न थ हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे



गी: तू कौन है ये मालूम नहीं

तू कौन है ये मालूम नहीं

फिर दिल क्यों तुझे बुलाता है

तक़दीर ने छोड़ा साथ मगर

तू छोड़ न मेरा साथ रे

मु: क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे



मु: मैं अपना सब कुछ खो बैठा

मैं अपना सब कुछ खो बैठा

क्या प्यार में तेरा बिcचड़ा रे

गी: तू आके देख इक बार है मेरी

आँख़ों में बरसात रे

मु: क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे



मु: याद आके न रस्ता रोक मेरा

याद आके न रस्ता रोक मेरा

मुझे जाने दे मुझे जाने दे

गी: इक बार लौट के आ थाम ले

आकर मेरा हाथ रे

मु: क़िस्मत में बिछड़ना था हुई क्यों उनसे मुलाक़ात रे