दिन कुशी का छुप गया रात गम की आ गई - The Indic Lyrics Database

दिन कुशी का छुप गया रात गम की आ गई

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - सुरैया | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - आज की रात | वर्ष - 1948

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दिन ख़ुशी का छुप गया
रात ग़म की आ गई -२
प्यार के जहान में
दर्द बन के छा गई -२
दिन ख़ुशी का छुप गया
रात ग़म की आ गई -२याद आ के रह गई प्यार की कहानियाँ
आँसुओँ में बह गईं
प्यार की कहानियाँ -२
प्यार बन के जो खिली
वो कली मुरझा गई -२दिन ख़ुशी का छुप गया
रात ग़म की आ गई -२हाय क्यूँ बिछड़ गया-२
दिल से दिल मिला हुआ -२
तू नहीं तो ज़िंदगी
चराग है बुझा हुआ -२
दो दिलों के प्यार में
क्यूँ जुदाई आ गई -२दिन ख़ुशी का छुप गया
रात ग़म की आ गई -२रूठ के चले गये दिन मेरी बहार के
फूल ही बिखर गये
ज़िंदगी के हार के -२
दिल की आस टूट के
आँसुओं में आ गई -२दिन ख़ुशी का छुप गया
रात ग़म की आ गई -२
प्यार के जहान में
दर्द बन के छा गई -२