परवाह नहीं - The Indic Lyrics Database

परवाह नहीं

गीतकार - मनोज मुंतशिर | गायक - सिद्धार्थ बसरूर | संगीत - अमाल मल्लिक | फ़िल्म - एम.एस. धोनी: दि अनटोल्ड स्टोरी | वर्ष - 2016

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पत्थर के हैं सब रास्ते
परवाह नहीं
धुंधले हैं चेहरे ख्वाब के
परवाह नहीं

छलनी है सीना रहने दो
अब जो भी परवाह नहीं

सनकी हुआ जाता है दिल
मन की किया जाता है दिल
कड़के बेरहाषा ये
बिजली हुआ जाता है दिल

सनकी हुआ जाता है दिल
मन की किया जाता है दिल
कड़के बेरहाषा ये
बिजली हुआ जाता है दिल

बादल में ढूंढें होंसले
पागला गए हैं होंसले
गिर जाये या उड़े
अब टूटे या जुड़े, परवाह नहीं
परवाह नहीं हे..
परवाह नहीं हे..
परवाह नहीं हे..

झूटे हैं या सच्चे हैं
सपने आखिर सपने हैं
सारे तारे तुम्हीं रख लो
सारे जुगनू तो मेरे हैं
झूटे हैं या सच्चे हैं
सपने आखिर सपने हैं
सारे तारे तुम्हीं रख लो
सारे जुगनू तो मेरे हैं

टोके रुके ना दिल जले
पगला गए हैं हौंसले
जिद्दी हैं धड़कने
बिगड़े या बने परवाह नहीं
वो परवाह नहीं
हो परवाह नहीं
येह परवाह नहीं ये

साँसों में जो भट्टी है
वो रात और दिन दहकती है
पानी-वानी तो धोका है
ये आग आग से बुझती है
साँसों में जो भट्टी है
वो रात और दिन दहकती है
पानी-वानी तो धोका है
ये आग आग से बुझती है

आयें तो आये जलजले
पगला गए हैं होंसले
शोलों पे हम चले
अब पिघले या जले परवाह नहीं
वो परवाह नहीं.. वो परवाह नहीं..
वो परवाह नहीं.. वो परवाह नहीं..