निगाह ए मस्त ए साकी का सलाम आया तो क्या होगा - The Indic Lyrics Database

निगाह ए मस्त ए साकी का सलाम आया तो क्या होगा

गीतकार - संत दर्शन सिंह जी महाराज | गायक - गुलाम अली | संगीत - अल्लाहुद्दीन खान | फ़िल्म - कलाम-ए-मोहब्बत (गैर फिल्म) | वर्ष - 1992

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निगाह-ए-मस्त-ए-साक़ी का सलाम आया तो क्या होगा
अगर फिर तर्क-ए-तौबा का पयाम आया तो क्या होगाहरम वाले तो पूछेंगे बता तू किसका बन्दा है
ख़ुदा से पहले लब पर उनका नाम आया तो क्या होगामुझे मंज़ूर उनसे मैं न बोलूँगा मगर नासेह
अगर उनकी निगाहों का सलाम आया तो क्या होगामुझे तर्क-ए-तलब मंज़ूर लेकिन ये तो बतला दो
कोई ख़ुद ही लिये हाथों में जाम आया तो क्या होगामुहब्बत के लिये तर्क-ए-तअल्लुक़ ही ज़ुरूरी हो
मुहब्बत में अगर ऐसा मकाम आया तो क्या होगा