चुपके से दिल में आ बसे, रह के नज़र से दूर दूर - The Indic Lyrics Database

चुपके से दिल में आ बसे, रह के नज़र से दूर दूर

गीतकार - पदतौ लखनवी | गायक - नूरजहां/जीनत बेगम | संगीत - श्याम सुंदरी | फ़िल्म - भाईजान | वर्ष - 1945

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देखो आई पहली मुहब्बत की रात

देखो आई पहली मुहब्बत की रात

ओय देखो आई पहली मुहब्बत की रात



गोरी की आँखें नीची

होय नीची नीची

गोरी की आँखें नीची

हैं इसमें कोई बात

देखो आई पहली मुहब्बत की रात

ओ देखो आई पहली मुहब्बत की रात

गिलीगिली4

हम्बालाडम्बाला हम्बा हम्बालाडम्बाला

होय हम्बालाडम्बाला हम्बा हम्बालाडम्बाला

हो हो हो हो होय

दो आँखों ने दो आँखों से कह दिया सलाम

होय दो आँखों ने दो आँखों से कह दिया सलाम

लोगों की नज़रें उधर हुईं लिया हाथ पिया ने थाम

लिया हाथ पिया ने थाम

हाय हाय बिचारी हाय

छुप गई

छुप गई गोरी आँचल में

है इसमें कोई बात

आई पहली मुहब्बत की रात

हो देखो आई पहली मुहब्बत की रात

गिलीगिली4

हम्बालाडम्बाला हम्बा हम्बालाडम्बाला

होय हम्बालाडम्बाला हम्बा हम्बालाडम्बाला

हो हो हो हो हो होय

राजा का दिल छीन के ले गई एक नज़र शर्मीली

ओय राजा का दिल छीन के ले गई एक नज़र शर्मीली

राजा ने जब किया इशारा हो गई गोरी पीली

ओय हो गई गोरी पीली

हाय हाय बिचारी हाय

उड़ गया

उड़ गया क्यूँ रंग गोरी

है इसमें कोई बात

आई पहली मुहब्बत की रात

हो देखो आई पहली मुहब्बत की रात

गिलीगिली4

हम्बालाडम्बाला हम्बा हम्बालाडम्बाला

होय हम्बालाडम्बाला हम्बा हम्बालाडम्बाला

हो ओ ओ ओ ओ

गोरी उजाले से शरमाये चाँद की जोत बुझा दो

होय गोरी उजाले से शरमाये चाँद की जोत बुझा दो

बादल के काले आँचल में तारों को छुपा दो

होय तारों को छुपा दो

धरती और आकाश के सारे दीप बुझा दो

पहली मुहब्बत की रात

ओ दीप बुझा दो 6

ओ दीप बुझा दो

दीप बुझा दो