कभी हैं गम कभी खुशियां - The Indic Lyrics Database

कभी हैं गम कभी खुशियां

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - तलत महमूद | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - वारिस | वर्ष - 1954

View in Roman

कभी हैं ग़म कभी खुशियां यही तो ज़िन्दगानी है
कभी लब पर हँसी है और कभी आँखों में पानी है
कभी हैं ग़मने घबरा आसमां पर छा गया है आज अगर बादल-२
के ये बादल ही चन्दा के निकलने की निशानी है-२
कभी हैं ग़मभरा करते हैं ज़ख्म-ए-दिल और आँसू भी हैं थम जाते-२
और आँसू भी हैं थम जाते
बनाई जिसने दुनिया ये उसी की मेहरबानी है-२
कभी हैं ग़म ...