दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई - The Indic Lyrics Database

दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई

गीतकार - एस. एच. बिहारी | गायक - आशा - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - कश्मीर की कली | वर्ष - 1964

View in Roman

दीवाना हुआ बादल
सावन की घटा छाई
ये देख के दिल झूमा
ली प्यार ने अंगडाई
ऐसी तो मेरी तक़दीर न थी
तुम सा जो कोई महबूब मिले
दिल आज खुशी से पागल है
ऐ जान-ए-वफ़ा तुम खूब मिले
दिल क्यों ना बने पागल
क्या तुमने अदा पाई
जब तुम से नज़र टकराई सनम
जज़्बात का एक तूफ़ान उठा
तिनके की तरह मैं बह निकली
सैलाब मेरे रोके ना रुका
जीवन में मची हलचल
और बजने लगी शहनाई
है आज नए अरमानों से
आबाद मेरे दिल की नगरी
बरसों से ख़िज़ाँ का मौसम था
वीरान बड़ी दुनिया थी मेरी
हाथों में तेरा आँचल
आया के बहार आई