धक धक धक जिया करे धक - The Indic Lyrics Database

धक धक धक जिया करे धक

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - सज़ा | वर्ष - 1951

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धक धक धक जिया करे धक
अखियों में अखियाँ डालके न तकसुनो री ओ गोरी तू ने चोरी चोरी
दिल की कहानी आँखों की ज़बानी
कह दी बलम से अपने सनम से
झुकी झुकी अखियों से होता है शक़
अखियों में अखियाँ डालके न तकयुँ न शरमाओ जी ज़रा खुल जाओ जी
छोड़ो जी छोड़ो मुखड़ा न मोड़ो
हमसे भी थोड़ी थोड़ी अखियाँ मिलाओ जी
देखें भला करोगे ये ज़िद्द कब तक
अखियों में अखियाँ डालके न तकसच सच कहो बात! कहो बात! कैसी हुई मुलाक़ात? मुलाक़ात?
जानते हो कब से ? कब से? कि अब से
हम से छुपाओगे तो बचके न जाओगे
आगे तुम पीछे हम जाओगे थक
अखियों में अखियाँ डालके न तकधक धक धक जिया करे धक
अखियों में अखियाँ डालके न तक