प्रेम का नाता छूटा - The Indic Lyrics Database

प्रेम का नाता छूटा

गीतकार - मुंशी आरज़ू | गायक - पंकज मलिक | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1940

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प्यार के जहान की निराली सरकार है

प्यार के जहान की निराली सरकार है

ल : प्यार के जहान की निराली सरकार है

दोनों : मुहब्बत के थाने में ये दिल थानेदार है

ये दिल हवलदार है ये दिल चौकीदार है

दोनों : प्यार के जहान की

ल : अनोखी कचेरी है ये अनोखा क़ानून है

श : मुहब्बत की अर्ज़ी का नया मज़्मून है

दोनों : आँखों का डाकख़ाना हो आँखों का डाकखाना

नज़रों का तार है जी नज़रों का तार है

मुहब्बत के थाने में

प्यार के जहान की

ल : प्यार के इसकूल में इक ही तलाश है

श : लाखों उम्मीदवार कोई कोई पास है

दोनों : मुश्किल सबक़ है ये

पर मज़ेदार है जी पर मज़ेदार है

मुहब्बत के थाने में

प्यार के जहान की

ल : प्यार किया जिसने वो प्यार ही में खो गया

श : इतना समझ लो के बेकार हो गया

दोनों : उसके लिए तो

हर दिन इतवार है जी हर दिन इतवार है

मुहब्बत के थाने में

प्यार के जहान की