गीतकार - नरेंद्र शर्मा | गायक - पारुल घोष, अमीरबाई?, सहगान | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - ज्वार भाटा | वर्ष - 1944
View in Romanऊऽ प्यार बनके
ऊऽ प्यार बनके
प्यार बनके मुझ पे कोई चा गया,चा गया रे
आज मेरा दिल किसी पे आ गया
आज मेरा दिल,आज मेरा दिल किसी पे आग अया
ओ नैंओं की नींद मेरी ले गया रे ले गया
मीठ मीठ दर्द दिल में दे गया रे दे गया
ऊऽ लुट गई
लुट गई रे मैं,किसी का क्या गया,क्या गया रे
आज मेरा दिल
बाहें ? खुले आज खड़ी,प्रीत दिवानी
आज मेरे बस में नहीं, मेरी जवानी
हाय मेरी जवनी
ऊऽ दिल मेरे
दिल मेरे पहलू से गया,गया गया हाय गया रे
आज मेरा दिल
आँखों से आँख मिली
कलियों कि पास खिली
जीवन में आई बहार
ऊऽ दिल की कली
दिल की कली,आज भंवरा पा गया पा गया रे
आज मेरा दिल
ऊऽ प्यार बनके